2019 में 12 महिलाएं ऐसी, जो 3-8 बार विजयी रहीं
मेनका गांधी सुल्तानपुर (यूपी) 8
सोनिया गांधी रायबरेली (यूपी) 000005
भावना प्रवली यवतमाल-वाशिम (महाराष्ट्र) 000005
संगीता सिंह देव बोलांगीर (ओडिशा) 00004
रमा देवी शिवहर (बिहार) 00004
परनीत कौर पटियाला (अब भाजपा में) 00004
दर्शना जरदोश सूरत (गुजरात) 0003
डॉ. काकोली घोष बारासात, प. बंगाल 0003
शताब्दी राय बीरभूम, प. बंगाल 0003
माला राज्य लक्ष्मी टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड 0003
अकाली दल की नेता हर सिमरत कौर और एनसपी नेता सुप्रिया सुले भी अपना तीसरा चुनाव जीतकर संसद पहुंची थी। कार्यकोल
ने महदताओं से प्रभावित करते अपमानजनक बयान दिया था।
इतिहास के पन्नों से
2019 में 12 महिलाएं ऐसी, जो 3-8 बार विजयी रहीं यूपी भाज के अध्यक्ष बासित आली कहते हैं कि की विभिसार कल्याणकारी स्कीम में 4 करोड़ मुस्लिम लाभार्थी हैं, जिनमें ज्य हैं। इन योजनाओं के चलते पसमांदा सहित अल्पसंख्यक समुदाय भाजपा के साथ एकजूट हो रहा है। दूसरी तरफ, पसमांदा नेताओं ने दावा किया कि सपा और कांग्रेस हमारे हितों की वकालत का दावा करते हैं, लेकिन चुनावों में शायद ही कभी पसमांदा को उतारते हैं। अ ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन कहते हैं कि यूपी चुनाव नतीजे मुस्लिम मतदाताओं को हल्के में लेने वाली पार्टियों के लिए काफी सरप्राइजिंग होंगे।
हॉल के वर्षों में भाजपा ने हाशिये पर पड़े पसमांद मुस्लिमों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यूपी की मुस्लिम आबादी में ‘पसमांदा’ मुसलमान 85% है। भाजपा ने इन्हें जोड़ने के लिए ‘मोदी मित्र’ अभियान चला चुकी है। बीते स्थानीय निकाय चुनाव में टिकट भी दिए और कई जीते भी। इस बार पार्टी को उम्मीद है कि वो सपा-कांग्रेस गठबंधन से उनके एक वर्ग को छीनने में सफल रहेगी। हालांकि, गठबंधन ने नेता कहते हैं कि उन्हें मुसलमानों के बीच हाशिये पर पड़े पसमांदा मुस्लिम के प्रति भाजपा की ईमानदारी पर संदेह है, क्योंकि उसने इस चुनाव में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है।
वीरेंद्र सिंह रावत | लखनऊ
यूसुफ से चुनाव हारा तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा : अधीर रंजन
भास्कर न्यूज | कोलकाता
कांग्रेस नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को दावा किया कि यदि वह इस बार चुनाव हार जाते हैं, तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे। चौधरी ने कहा, ‘अगर मैं बहरामपुर में हार गया तो राजनीति से छुट्टी ले लूंगा। मैंने आज इतनी बड़ी बात कह दी। क्या ममता बनर्जी चुनौती स्वीकार कर कह सकती हैं कि अगर बहरामपुर जीते तो जीतेंगी या हारें तो हारेंगी?’ टीएमसी ने अधीर चौधरी के खिलाफ बहरामपुर से क्रिकेटर युसूफ पठान को उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि ममता बनर्जी ने बंगाल में लेफ्ट- कांग्रेस पर तंज कसते हुए अधीर रंजन को बीजेपी का ‘दलाल’ बताया था। पिछले सात दिनों में तीन बार तृणमूल ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया। बहरामपुर में पांच बार के सांसद अधीर
2019 में 12 महिलाएं ऐसी, जो 3-8 बार विजयी रहीं
मेनका गांधी सुल्तानपुर (यूपी) 8
सोनिया गांधी रायबरेली (यूपी) 000005
भावना प्रवली यवतमाल-वाशिम (महाराष्ट्र) 000005
संगीता सिंह देव बोलांगीर (ओडिशा) 00004
रमा देवी शिवहर (बिहार) 00004
परनीत कौर पटियाला (अब भाजपा में) 00004
दर्शना जरदोश सूरत (गुजरात) 0003
डॉ. काकोली घोष बारासात, प. बंगाल 0003
शताब्दी राय बीरभूम, प. बंगाल 0003
माला राज्य लक्ष्मी टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड 0003
अकाली दल की नेता हर सिमरत कौर और एनसपी नेता सुप्रिया सुले भी अपना तीसरा चुनाव जीतकर संसद पहुंची थी। कार्यकोल
ने महदताओं से प्रभावित करते अपमानजनक बयान दिया था।
इतिहास के पन्नों से
यूपी की 20 करोड़ आबादी में 19-20% मुस्लिम हैं। यूपी भाज के अध्यक्ष बासित आली कहते हैं कि की विभिसार कल्याणकारी स्कीम में 4 करोड़ मुस्लिम लाभार्थी हैं, जिनमें ज्य हैं। इन योजनाओं के चलते पसमांदा सहित अल्पसंख्यक समुदाय भाजपा के साथ एकजूट हो रहा है। दूसरी तरफ, पसमांदा नेताओं ने दावा किया कि सपा और कांग्रेस हमारे हितों की वकालत का दावा करते हैं, लेकिन चुनावों में शायद ही कभी पसमांदा को उतारते हैं। अ ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन कहते हैं कि यूपी चुनाव नतीजे मुस्लिम मतदाताओं को हल्के में लेने वाली पार्टियों के लिए काफी सरप्राइजिंग होंगे।
हॉल के वर्षों में भाजपा ने हाशिये पर पड़े पसमांद मुस्लिमों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यूपी की मुस्लिम आबादी में ‘पसमांदा’ मुसलमान 85% है। भाजपा ने इन्हें जोड़ने के लिए ‘मोदी मित्र’ अभियान चला चुकी है। बीते स्थानीय निकाय चुनाव में टिकट भी दिए और कई जीते भी। इस बार पार्टी को उम्मीद है कि वो सपा-कांग्रेस गठबंधन से उनके एक वर्ग को छीनने में सफल रहेगी। हालांकि, गठबंधन ने नेता कहते हैं कि उन्हें मुसलमानों के बीच हाशिये पर पड़े पसमांदा मुस्लिम के प्रति भाजपा की ईमानदारी पर संदेह है, क्योंकि उसने इस चुनाव में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है।
वीरेंद्र सिंह रावत | लखनऊ
यूसुफ से चुनाव हारा तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा : अधीर रंजन
भास्कर न्यूज | कोलकाता
कांग्रेस नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को दावा किया कि यदि वह इस बार चुनाव हार जाते हैं, तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे। चौधरी ने कहा, ‘अगर मैं बहरामपुर में हार गया तो राजनीति से छुट्टी ले लूंगा। मैंने आज इतनी बड़ी बात कह दी। क्या ममता बनर्जी चुनौती स्वीकार कर कह सकती हैं कि अगर बहरामपुर जीते तो जीतेंगी या हारें तो हारेंगी?’ टीएमसी ने अधीर चौधरी के खिलाफ बहरामपुर से क्रिकेटर युसूफ पठान को उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि ममता बनर्जी ने बंगाल में लेफ्ट- कांग्रेस पर तंज कसते हुए अधीर रंजन को बीजेपी का ‘दलाल’ बताया था। पिछले सात दिनों में तीन बार तृणमूल ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया। बहरामपुर में पांच बार के सांसद अधीर